Skip to main content

गरीब महिला की मेहनत आखिर सफल हुई

 एक गाँव में मालती नाम की एक बूढ़ी औरत अपने बेटे विक्रम के साथ रहती थी। मालती के पति की मृत्यु हो गई थी मालती लोगो के घर-घर जाकर कपड़े धोने और भोजन बनाने का काम करके अपना गुजारा करती थी । विक्रम पढ़ाई में होशियार था और अपनी माँ के साथ काम पर जाते समय अखबार पढ़ता था। एक दिन, एक महिला ने विक्रम का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अखबार पढ़ने से वह बड़ा अफसर नहीं बन जाएगा। विक्रम ने उत्तर दिया कि वह बड़ा अफसर बनना चाहता है और अखबार से जानकारी प्राप्त कर रहा है। यह सुनकर मालती अपने बेटे को लेकर घर चली गई।

Ma-beta




मालती ने शादियों में रोटी बनाने का काम शुरू किया। वह सुबह 3 बजे उठकर रोटियाँ बनाती, और विक्रम भी उसकी मदद करता और फिर पढ़ाई में लग जाता। एक दिन मकान मालिक ने बिजली के बिल को लेकर मालती को धमकाया और उनकी बिजली काट दी । इसके बाद, विक्रम ने लालटेन की रोशनी में पढ़ाई जारी रखी। उसकी लगन देखकर उसके अध्यापक ने उसे मुंबई जाकर पढ़ाई करने की सलाह दी और खुद खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली।




दिल्ली में, परीक्षा के दिन विक्रम को एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा, जिससे उसके सिर और बाएँ हाथ में चोट लगी। फिर भी, उसने दाएँ हाथ से परीक्षा दी और सफल हुआ। इंटरव्यू के बाद, वह गाँव लौटा। कुछ दिनों बाद, उसकी माँ अखबार लेकर आई और रिजल्ट देखने को कहा। विक्रम ने खुशी से बताया कि वह अफसर बन गया है। दोनों की आँखों में आँसू आ गए।

Love Story 

Comments

Popular posts from this blog

Love Story :- भूत से हुआ लड़की को प्रेम

अनजानी मुलाकात शहर के भागदौड़ भरे जीवन से दूर, हिमालय की तलहटी में बसा एक गांव था ", जहाँ हर सुबह सूर्य देव की किरणें बर्फीली सफेद चोटियों को चूमती थीं। वहीँ एक पुरानी हवेली में रहने आई थी मौसम, मौसम एक लेखिका थी, जो अपने नए उपन्यास के लिए सुकून की तलाश में थी।   मौसम का मन बार-बार एक ही सपने में उलझ जाता—एक रहस्यमयी युवक जो धुंध में खड़ा उसकी ओर देखता रहता था, मगर पास नहीं आता और ना कुछ बोलता।   गाँव वालो का मानना था की यह हवेली शापित" है। कहते हैं, सालों पहले वहाँ एक प्रेम कहानी अधूरी रह गई थी।   पहली मुलाकात - विवान का परिचय* *   एक शाम जब मौसम हवेली के पास बने पुराने बगीचे में टहल रही थी, अचानक उसके सामने एक युवक प्रकट हुआ। सफेद कुर्ते में, हल्की दाढ़ी, गहरी आंखें—मानो आंखों में कोई पहाड़ों की गहराई हो।   "यह बगीचा अब भी वैसा ही है," उसने मुस्कराते हुए कहा।   "क्या आप यहाँ रहते हैं?" मौसम ने पूछा।   "पहले रहा करता था," कहकर वो मुस्करा दिया।   उसका नाम था विवान। लेकिन गाँव वाले उसे जानते नहीं थे। ...

अर्जुन और संध्या का सच्चा प्यार || Love story in hindi

  Chapter 1 : पहली मुलाक़ात गाँव की वो सुबह हमेशा की तरह शांत थी। खेतों से आती ठंडी हवा, आम के पेड़ों पर चहकती चिड़ियाँ, और दूर से बैलों की घंटियों की आवाज़। इसी गाँव में रहता था अर्जुन — एक सीधा-सादा लड़का, जिसकी आँखों में सपने तो बड़े थे लेकिन हालात ने उसे खेतों तक बाँध रखा था। अर्जुन का दिल साफ़ था। मेहनती, लेकिन थोड़ा संकोची। ज़्यादातर दिन खेतों में या दोस्तों के साथ चौपाल पर गुज़र जाते। गाँव की गलियों में सब उसे जानते थे — "अर्जुन, मास्टरजी का बेटा"। लेकिन उस सुबह कुछ अलग था… गाँव में शहर से कोई मेहमान आया था। रामलाल चाचा की बहन का परिवार दिल्ली से आया था। उनके साथ आई थी उनकी बेटी संध्या। संध्या, बिल्कुल अलग दुनिया से आई लड़की। उसकी चाल, उसका पहनावा, और उसकी बातें — सब कुछ अर्जुन के लिए नया था। वो कॉलेज में पढ़ती थी, अंग्रेज़ी में धाराप्रवाह बोलती थी और सपनों में आईएएस बनने की चाह रखती थी। पहली बार जब अर्जुन ने उसे देखा, वो तालाब के किनारे खड़ी थी। हाथ में किताब और चेहरे पर हल्की मुस्कान। हवा से उड़ते बालों को सँभालने की उसकी आदत अर्जुन के दिल पर गहरी छाप छोड़ गई। अर्जुन...